ssnews बाबा गुरु घासी दास जी पर आस्था- विश्वास रखने वाले साहू परिवार पर रूढ़िवादी तत्वों का बरपा कहर, समाजिक बहिष्कार, प्रशासन नाकाम, न्याय के लिए पहुंचा कोर्ट जारी हुआ नोटिस,,,,


*गुरुघासीदास पर आस्था- विश्वास रखने वाले रंभाबाई साहू परिवार पर रूढ़िवादी तत्वों का कहर बरपा एक। न्याय देने प्रशासन नाकाम। GSS की पहलकदमी पर पीड़ितों का हाईकोर्ट में गुहार। जिला प्रशासन को हाईकोर्ट का आदेश जारी हुआ।*
                    

स्वराज संदेश रायपुर।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के ग्राम गोड़म में *रंभाबाई साहू परिवार* अपनी आस्था-विश्वास में *गुरुघासीदास को मानते* हुए, अपने घर में *जैतखाम* स्थापित कर पूजा-अर्चना-श्रद्धा करते बरसों से आ रही है।
            ग्राम एवं जिला के साहू समुदाय के कथित ठेकेदारों ने रंभाबाई साहू एवं उनके परिजनों को यह कहते हुए *सामाजिक बहिष्कार-प्रताड़ना*, जान से मारने का प्रयास एवं आर्थिक जुर्माना लगाया कि, यह साहू परिवार *नीच-चमारों के आराध्य* को मानकर साहुओं के *धर्म को भ्रष्ट* कर रही है। 
                जबकि यह परिवार गुरुघासीदास पर आस्था- पूजा करते हुए गांव के अन्य सार्वजनिक फंग्शन-अन्य *देव पूजा का विरोध नहीं करता*। सभी से लिया जाने वाला *बरार- चंदा* भी स्वेच्छा से देती है।
            लेकिन इस परिवार को अनेकानेक तरह से कई बार प्रताड़ित कर गांव से निकालने, *जैतखाम पर गंदगी फेंकने*, रास्ता रोकने, आम निस्तार में रोक टोक-सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।
         लेकिन प्रशासन को न्याय पाने, पीड़ित परिवार द्वारा अनेकानेक लिखित-मौखिक अनुनय-विनय किया गया, लेकिन कोई *कारगर कार्यवाही नहीं* हुई।
      पीड़ित परिवार *गुरुघासीदास सेवादार संघ (GSS)* से न्याय पाने में संग-साथ पाने संपर्क किया।
         हमारी संस्था GSS एक ऐसी मिशनरी संस्था है, जो भारतीय *संविधान को सर्वोपरि* मानता है और संविधान में निहित मौलिक अधिकार- *"धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार"* के तहत भारत के कोई भी नागरिक *किसी भी धर्म को* भी उचित रीति से *छोड़ या अपना सकता* है। 
      चाहे हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सतनाम धर्मी, बौद्ध बने या मुसलमान, हिंदू, ईसाई बने कोई आस्तिक बने कोई नास्तिक *कोई कुछ भी बने न बने*। यह नागरिकों का *संवैधानिक अधिकार* है। इस पर हमला GSS को बर्दाश्त नहीं है।
        इस मामले में GSS ने पीड़ित परिवार को संग-साथ दिया और GSS द्वारा माननीय *छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट* में पूर्व में लगाई गई *सामाजिक बहिष्कार* के मुद्दे पर जो *PIL* लगाया गया है, उसमें इस मामले का भी संदर्भ है।
            हाई कोर्ट द्वारा PIL पर प्रशासन को उचित कार्यवाही का *आदेश भी पारित हुआ*। लेकिन अपराधी तत्वों व पुलिस प्रशासन की मिली भगत, से मामले में गलत रिपोर्टिंग पेश किया जाता रहा और पीड़ित साहू परिवार पर कहर बरसाया जाता रहा।
       फिर GSS की समझाइस पर पीड़ित परिवार ने एक विशेष *रिट याचिका* पूरी स्थिति को बताते हुए माननीय हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया।
      इसकी सुनवाई दिनांक- 22-10-24 पर माननीय हाई कोर्ट ने तीन हफ्तों में प्रशासन को *कार्यवाही करने एवं रिपोर्ट प्रस्तुत* करने का आदेश दिया है। 
         इस दिन की सुनवाई में पीड़ित परिवार के साथ GSS प्रमुख *लखन सुबोध* भी अदालत में उपस्थित रहे। पीड़ित पक्ष की ओर से GSS की विधिक सलाहकार *एडवोकेट रजनी सोरेन* पैरवी कर रही हैं।
          इसी आदेश के संदर्भ में जिला प्रशासन (सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर) ने पीड़ित परिवार को *नोटिस देकर* बयान देने दिनांक *30-10-24 को सारंगढ़* जिला कलेक्टर में तलब किया है।
         अब आगे, देखना होगा कि, इस बार जिला प्रशासन दोषियों पर मामला दर्ज करने व पीड़ितों को न्याय-राहत प्रदान करने *क्या कार्यवाही करता है ?* उसी अनुरूप GSS, पीड़ित परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहकर, *आगे की कार्यवाही* तय करेगा।
 जारीकर्ता *वीरेंद्र सतनाम* GSS मीडिया प्रभारी
       मो.नं.:-8717834059
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