ssnews गरीबो का राशि खा कर रही है, दबंगाई से सबके सामने नोकरी, कौन सी घुट्टी पिला दिया है अधिकारियों को,नही कर पा रहे है उनसे वसूली,,,

मस्तूरी जनपद क्षेत्र में हुए 51 लाख की पेंशन घोटाला पेंशन में चार साल बीत जाने के बाद भी  अनियमितताओ का अबतक नही हो पाई जांच आखिर कब तक होगी जांच कौन करेगा वशूली कि कार्यवाही 
 जनपद सदस्य इस मुद्दे को लेकर जिला कार्यालय में जाने वाले हैं शिकायत करने आखिर कब होगी वसूली 

स्वराज संदेश मस्तूरी।बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक में  2014 में हुए पेंशन घोटाले में मस्तूरी जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर रही शिल्पा अग्रवाल एवं निलंबित कर्मचारी गायत्री गुप्ता सहित चार लोग प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए थे । मस्तूरी के यूको बैंक में शासकीय राशि जमा हुई पर खाते में यह राशि नहीं था । इससे बैंक के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध हो गई थी 

 मस्तूरी जनपद पंचायत में सुखद सहारा और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के एरियर्स की राशि में घोटाला किया गया। इसकी जांच के लिए जिला पंचायत में   सीईओ रहे जेपी मौर्य द्वारा 93 ग्राम पंचायतों में 59 सदस्यीय जांच टीमें भेजी गई थीं। इसकी रिपोर्ट के आधार पर पेंशन घोटाले की जांच रिपोर्ट तैयार किया गया । प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में मस्तूरी जनपद पंचायत की पेंशन प्रभारी सहायक लेखा अधिकारी गायत्री गुप्ता को दोषी पाई गई जिसमे पेंशन एरियर्स की 51 लाख 6 हजार की राशि नहीं बांटी गई थी । 22 माह तक इस राशि का वितरण नहीं किया गया। यह राशि चेक के माध्यम से ग्राम पंचायतों को जारी करना था। यही नहीं, एरियर्स की राशि को  12 माह तक रोक कर रखा गया। 
जिसके बाद मस्तूरी जनपद के पूर्व सीईओ राजकुमार कुर्रे ने निलंबन का आदेश जारी कर मस्तूरी अनुविभागीय कार्यालय भेजा गया जिसके बाद उसे निलंबन कर दिया 2वर्ष से अधिक समय तक निलंबन रहने के बाद हाई कोर्ट से बहाल के लिए गायत्री गुप्ता ने आवेदन दिया जिस पर हाई कोर्ट ने उक्त प्रकरण में निराकरण  यह आदेश जारी किया किसी भी कर्मचारी को बिना ठोस कारण से लंबे समय से तक निलंबित नही रखा जा सकता मा.उच्च न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन सीईओ के द्वारा विभागीय जाँच लंबित है, जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के उपरांत जिला पंचायत बिलासपुर द्वारा गायत्री गुप्ता के विरुद्ध में उन्नीस लाख सत्रह हजार चार सौ पचास रुपये वसूली कर  अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना है। प्राप्त हुआ है दोंनो प्रकरण निराकरण होने के पश्चात ही निलंबन से बहाल करने की कार्यवाही की जावेगी की पत्र जारी कर गायत्री गुप्ता को बहाल नही किया गया था। इसके बाद कुछ दिनों में फिर से अपने ऊंचे पहुंच के कारण से प्रशासन समिति के सदस्यों एवं सीईओ से मिलीभगत करके मा.उच्च न्यायालय एवं अपने आदेश को दरकिनार करते हुए तत्कालीन सीईओ मोनिका वर्मा के द्वारा बहाल कर दिया गया था  जो कि यह समझ से परे है। उसके बाद भी गायत्री गुप्ता जनपद में  जनपद स्थापना, सचिव स्थापना, जैसे कई शाखा के प्रभारी बन गई  जबकि किसी भी कर्मचारी की जाँच लंबित रहता है तो वित्तीय अधिकार ही नही रहता है। और उसकी जांच कर बहाल किया जाए परन्तु मस्तूरी में सीईओ रही मोनिका वर्मा ने जांच कर उन्नीस लाख सत्रह हजार चार सौ पचास की वशूली योग्य की बात करते  हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही थी 
इस प्रकरण का कोई जांच नही किया जांच के लिए सबसे पहले टिकारी हाई स्कूल का प्राचार्य को जांच अधिकारी बनाया गया था उन्होंने जांच नही करने की बात कहते हुए अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया चुकी वह शिक्षा विभाग से और यह जांच जनपद कार्यालय के विभागीय जांच कहने लगे उसके बाद करारोपण बीएल  कुर्रे  को जांच अधिकारी बनाया गया वह भी जांच नही किया यह मामला अभी भी लंबित हैं और अब तक नही हो पाई वशूली किसके दबाव में है उच्च अधिकारी आखिर ऐसा क्यो  हो रहा है ।
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