ssnewsवाह गुरु जी जिस तरह से बच्चों को शिक्षा देने वाले शिक्षक खुद बोल रहे हैं झूठ ,तो कैसे चलेंगे बच्चे सच्चाई के राह पर,,

00नन्हे बच्चों का भविष्य ऐसे लापरवाह और कामचोर शिक्षकों के भरोसे है जो गंदगीयुक्त जैसे जगह पर करवाते हैं मध्यान भोजन यह सारा खेल तुलाराम साहू के संरक्षण में हो रहा है।
00जन ,प्राथमिक शाला हिर्री  के शिक्षक सुशांत अभिषेक तिर्की बीआरसी में अटैच है कई माह से फिर भी शिक्षा अधिकारी आँख मुद बैठे हुए हैं।

00 वाह गुरु जी बच्चों को शिक्षा देने वाले खुद बोल रहे हैं झूठ तो कैसे चलेंगे बच्चे सच्चाई के राह पर।

00बच्चे बोल रहे कि नही मिलता है पापड़, आचार ,वही तुलाराम साहू बोल रहे हैं सब मिलता हैं बच्चों को इस तरह से झूठ बोल रहे हैं शिक्षक तो कैसे बनेगे बच्चे सत्यवान, मध्यान भोजन समूह वालों से मिलती इनको मोटी कमीशन तभी तो बोल रहे झूठ।

स्वराज संदेश मस्तूरी । मस्तूरी विकासखंड के शिक्षा विभाग में ऐसे ऐसे भी शिक्षक, शिक्षिका है जिसके बारे में कामचोर और लापरवाह जैसे शब्द का इस्तेमाल करना कोई बड़ी बात नहीं होगा। क्योंकि गुरु की दर्जा देने वाले शिक्षकों को लापरवाह और कामचोर जैसे शब्द से इसलिए नवाजा जा रहा है क्योंकि इनकी निकम्मे पन और लापरवाही को जान आप लोग भी हैरान हो जाएंगे। मामला है मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत हिर्री की जहां के जनपद प्राथमिक शाला के बच्चे मध्यान भोजन स्कूल प्रांगण के खुले मैदान गंदगीयुक्त जैसे जगह पर बैठकर मध्यान भोजन करते हैं। वहां के शिक्षक शिक्षिकाएं उन छोटे बच्चों के ऊपर इतना भी संस्कार और शिक्षा नहीं डाल पा रहे हैं कि भोजन करते वक्त कैसे जगह पर अनुशासनात्मक रूप से करना चाहिए। मध्यान भोजन की मीनू चार्ट के हिसाब से भोजन तैयार करना तो दूर बच्चों को हरी सब्जी और पापड़ अचार कभी-कभी ही नसिब होता है। 207 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या वाले इस स्कूल के शिक्षकों की संख्या 8 है लेकिन हमेशा तीन से चार शिक्षक गायक ही रहते हैं। बच्चों के बताए अनुसार बच्चों शिक्षक दिन भर में ठीक से एक क्लास भी नहीं लेते।प्राथमिक शाला हिरी के स्कूल में जय मां दुर्गा महिला स्व सहायता समूह मध्यान भोजन की संचालन करती है। समूह के सदस्यों ने बताया कि जैसा स्कूल के शिक्षक लोग आदेश देते हैं उसी प्रकार से ही भोजन व्यवस्था की जाती है। इसका मतलब साफ साबित होता है कि कहीं ना कहीं मध्यान भोजन वालों से कमीशन खोरी कर प्राथमिक शाला हिरी के शिक्षक कमीशन खोरी में भी लिप्त हैं। प्राथमिक शाला हिररी के स्कूल में गरीब बच्चे ही शिक्षा अध्ययन करने आते हैं उनके पालक दिनभर रोजमर्रा की जिंदगी के लिए काम करने चले जाते हैं ऐसे में बच्चों का भविष्य सीधा-सीधा शिक्षकों के ऊपर निर्भर है लेकिन बच्चों को सही शिक्षा ना दे कर सही ज्ञान ना देकर गंदे जगह पर भोजन करवाने जैसी गलत व्यवहार करने वाले शिक्षकों के ऊपर आखिरकार विकास खंड शिक्षा अधिकारी करवाही करती है कि नहीं यह अगले अंक में भी प्रकाशित किया जाएगा।

वही इस मामले पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज का कहना है कि संकुल सम्यवक से पूर्ण जानकारी लेकर जवाबदार शिक्षकों पर और मध्यान भोजन संचालित कर रही महिला समूह पर नोटिस जारी किया जाएगा।
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