ssnews विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से मस्तुरी सुपरवाइजर को मिल रहा संरक्षण ,आंगनबाड़ी केंद्रों का हो रहा बुरा हाल।जम कर हो रहा भ्रष्टाचार का खेल सुपरवाइजर की है अहम भूमिका महिला बाल विकास विभाग में पोषण आहार में भी चल रहा है कमीशन का खेला,,,,
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से मस्तुरी सुपरवाइजर को मिल रहा संरक्षण ,आंगनबाड़ी केंद्रों का हो रहा बुरा हाल।
जम कर हो रहा भ्रष्टाचार का खेल सुपरवाइजर की है अहम भूमिका
महिला बाल विकास विभाग में पोषण आहार में भी चल रहा है 10%का खेल कुल मस्तूरी में आठ सेक्टर है जिसमे एक सेक्टर में 27आंगनबाड़ी केंद्र है जो कुल मिलाकर 216 केंद्र है लगभग हर एक में मिली जानकारी के अनुसार दो हजार रु सिर्फ पोषण आहार में मिल रहा आंगन बाड़ी केंद्र में सुपरवाइजर को 10% चाहिए मतलब 200रु देना पड़ता है आंगन बाड़ी वालो को आखिर यह पैसा किसके पास जाकर 200 कमीशन ×216 आंगन बाड़ी केंद्र = 43200 कमीशन कुल राशि जमा हो रहा है ।
स्वराज संदेश बिलासपुर। मस्तुरी विकासखंड में महिला बाल विकास परियोजना अंतर्गत संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्रों का बुरा हाल है। यह विभागीय अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा है,खेल लेकिन इस ओर कोई भी उच्च अधिकारियों हो रहे भ्रष्टाचार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं भ्रष्टाचार बड़ी जोर शोर से पल बढ़ रहा है आपको बताते चले इस भ्रष्टाचार में व्यापक रूप से संलिप्त कराने में महिला बाल विकास के सुपरवाइजर की अहम भूमिकाएं सामने आई है क्योंकि अधिकांश आंगनबाड़ी सही समय में संचालित नही हो रही है छोटे-छोटे बच्चों को गुणवत्ताहीन पोषण आहार का वितरण कर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। और गांव में गर्भवती महिलाओ को छोटे छोटे बच्चो को इनका लाभ नहीं मिल पा रही है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार महिला बाल विकास की सुपरवाइजर मोटी रकम लेकर रेडी टू ईट पोषण आहार आंगनबाड़ी मध्यान भोजन का मानदेय जारी करवा रही है सही मायने में अगर देखा जाए तो यह भ्रष्टाचार बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है सुपरवाइजर से इनकी जानकारी लिए जाने पर अपनी ऊंची पहुंच का रौब बताने लगती है क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का भी किसी प्रकार से कही कोई सुनवाई नहीं होने की बात को कहते हुए मनमाने तरीके से शासकीय राशियों का बंदर बाट का खेल कर रही है पहले अंक मे भी खबर प्रकाशित की जा चुकी है लेकिन इसकी बु अभी तक उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुँची हैं क्युकी उच्च अधिकारीयों के नीचे से ही यह पुरा खेल चल रहा है ।
कांग्रेस सरकार हो या भाजपा कई वर्षो से जमी हुई हैं कई सुपरवाइजर
अब देखना यह होगा की इस खबर को लेकर शासन प्रशासन कितना गंभीरतापूर्वक कब इन जैसी सुपरवाइजर के मनमानी पर अंकुश लगाते हुए दंडनात्मक कार्यवाही कर पाती है की नही ।
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