ssnews सोशल मीडिया में इन दिनों चुनावी रणनीति पर कांग्रेस कार्यकर्ताओ में दिन भर चल चल रही बाहरी प्रत्याशीयो को टिकट नहीं देने की मांग,,

सोशल मीडिया में इन दिनों चुनावी रणनीति पर कांग्रेस कार्यकर्ताओ में दिन भर चल चल रही बाहरी प्रत्याशीयो को टिकट नहीं देने की मांग
स्वराज संदेश मस्तूरी। प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रही हैं वैसे-वैसे क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और नेताओं की धड़कन तेजी से बढ़ रही   हैं इस तरह मस्तूरी विधानसभा में अब नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के द्वारा सोशल मीडिया में कमेंट एवं पोस्ट कर बाहरी प्रत्याशी नहीं चाहिए आखिर में  वह बाहरी प्रत्याशी कौन है जिसके बारे में बार-बार कमेंट कर रहे हैं ऐसा कोई कार्यकर्ता या वरिष्ठ नेता नहीं है जो बाहरी व्यक्ति का नाम लिख दे  आखिर में बाहरी व्यक्ति कौन है जिस तरह से चर्चा चल रहे है उसमे यदि मस्तूरी से कही उस बाहरी प्रत्याशी को टिकट मिलता है तो  क्या कांग्रेस चुनाव जीत पाएगा मस्तूरी में  
देखा जाए तो  मस्तूरी में भाजपा और कांग्रेस ही अभी तक मस्तूरी में विधानसभा चुनाव जीत हासिल कर पाई जबकि कोई तीसरी पार्टी  अभी तक चुनाव नहीं जीत पाई  लेकिन 2018 के चुनाव में जिस हिसाब से कांग्रेस के पक्ष में माहौल था लेकिन कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी तीसरे नंबर पर थे जबकि बसपा दूसरे पर भाजपा पहले पर ऐसा क्या कारण था  की भाजपा चुनाव जीत गया लेकिन कांग्रेस इतनी बड़ी माहौल होने के बाद भी चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा जिस हिसाब से नेता कार्यकर्ता सोशल मीडिया में पोस्ट कर रहे हैं मतलब साफ दिख रहा है कि इस बार भी कांग्रेस मस्तूरी में शायद तक चुनाव जीत हासिल कर पाए क्योंकि सत्ता की चाबी कार्यकर्ताओं के पास होती है 2013 के चुनाव जिस प्रकार से कार्यकर्ताओं और आम जनता  ने कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग 23000 से अधिक वोटों से जीत हासिल करने में सफल हुए थे उस समय कांग्रेस प्रत्याशी एक नए चेहरे के रूप में थे जिसका फायदा उनको मिला पुनः उनका टिकट भी मिला लेकिन लगभग ₹14000 से चुनाव हार गए क्षेत्र में अब इस बार चुनाव में नए  चेहरा को देने की मांग बाहरी  प्रत्याशी को नहीं देने की बात कह रहे हैं कार्यकर्ता। अब सवाल यह उठता है वो बाहरी है कौन
चुनाव में जब जब  बीजेपी जीत हासिल किया है तब तब  मस्तूरी विधानसभा के निवासी विधायक बना  ही नहीं बाहरी ही बने हुए  जानकार  लोगों कहना है कि स्व . मदन सिंह डाहरिया भी अमरताल अकलतरा विधानसभा निवासी थे इस तरह डॉक्टर बांधी भी बिलासपुर के मसानगंज निवासी थे यहां तक कांग्रेस पार्टी से भी चुनाव जीत कर हासिल करने वाले  कुछ नेता भी बाहरी थे जैसे कि, स्वर्गीय गोविद प्रसाद अनुरागी रतनपुर निवासी,स्वर्गीय बंसीलाल धृतलहरे मुलमुला निवासी , स्वर्गीय  मदन सिंह डहरिया अमरताल अकलतरा निवासी लेकिन चुनाव जीत हासिल नहीं पाए।
 विधायक चाहे कोई भी पार्टी से बना हो  लेकिन उनका निवास मस्तूरी विधानसभा में ना हो कर बिलासपुर में ही होता है।
कांग्रेस और भाजपा में ऐसे कई लोग टिकट मांग रहे हैं जिनका निवास मस्तूरी में  न होकर  बिलासपुर में है  वही से करते है आना जाना मस्तूरी ।
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