ssnewsसेटिंग बाज विवेचक को क्यो बचा रहे हैं ,थाना प्रभारी और अधिकारी,ऐसे सेटिंग बाज विवेचक से कब मिलेगा क्षेत्र की जनता को निजात

ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ पांच दिन बाद अपराध दर्ज... मामले को दबाने वाले पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट क्यों..?



स्वराज संदेश बिलासपुर। सीपत थाना क्षेत्र के परसाही निवासी मजदूर विष्णु सिदार की मौत के मामले में ट्रेक्टर मालिक की असंवेदना और पीड़ित परिवार के साथ किये गए मामले को रफा दफा करने की कोशिश का पर्दाफाश पत्रकारों ने बड़े ही निष्पक्षता के साथ किया था, जिसका ही असर रहा की सीपत थाने के पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच और बयान के बाद ट्रैक्टर मालिक जगत सिदार के खिलाफ धारा 304 ए के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। ग़ौरतलब है कि बीते 17 फरवरी को मजदूर विष्णु सिदार ट्रेक्टर मालिक जगत सिदार के ट्रेक्टर में अवैध मिट्टी की खुदाई करने लीलागर नदी के पास ग्राम ऊनि गया था, जहाँ मिट्टी खुदाई के दौरान मिट्टी धसक गई और मजदूर विष्णु उसमें दब गया, जिसकी जानकारी ट्रेक्टर चालक जो ट्रेक्टर मालिक का बेटा था उसने इसकी जानकारी अपने पिता जगत सिदार को दी, जिसने मौके पर पहुँचकर उसे बाहर निकालकर बाइक में 8 किलोमीटर दूर परसाही उसके घर में छोड़कर चला गया, परिजनों ने जब विष्णु को देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी, मामले कि सूचना सीपत पुलिस को दी गई, जिन्होंने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा पोस्टमार्टम कराकर मर्ग कायम कर जांच में जुट गई थी। जिनके द्वारा मंगलवार 21 फरवरी को मामले में जांच और बयान के बाद ट्रेक्टर मालिक के खिलाफ़ धारा 304 ए के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

इस मामले को जांच कर रहे हैं सीपत पुलिस के जवाबदार को क्लीन चिट क्यों?

  मामला यह समझ से परे है कि पांच दिनों से जांच के नाम पर शासन प्रशासन के साथ आदिवासी मृतक के परिवारों को गुमराह करने वाले पर कार्यवाही क्यों नहीं किया गया, उसे क्लीनचिट क्यों दिया गया यह अब भी लोगों के और परिजनों के मन में सवाल पैदा कर रही है। परिजनों के बताए अनुसार मोटी रकम लेकर मामला दबाने की थी साजिश।

महिंद्रा की जगह सोनालिका ट्रेक्टर किया गया था पेश..

मामले में मंगलवार को एक और नया मोड़ तब सामने आया जब पुलिस उच्च अधिकारियों के निर्देश पर डीएसपी ने मामले को संज्ञान में लिया जिसमें घटना में पेश किए गए सोनालिका ट्रेक्टर की जगह घटना में मौजूद महिंद्रा ट्रेक्टर को जब्त किया गया। इस कार्रवाई में जो पूर्व में लीपापोती की जा रही थी यह भी साफ हो गई कि किस तरह अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा था।


घटना के बाद भी मजदूर के जिंदा रहने का दावा...


घटनास्थल पर मौजूद ट्रेक्टर चालक और ट्रेक्टर मालिक जगत सिदार के अलावा अन्य ने भी मजदूर विष्णु के घटना के बाद भी जिंदा रहने का दावा किया है, लेकिन जब विष्णु जिंदा था तो उसे हॉस्पिटल क्यो नही ले जाया गया? और तब भी पुलिस को या डायल 112 को सूचना क्यो नही दी गई ? ऐसे कई सवाल अब भी अनसुलझे है।


3 मासूमों के सिर से छीन गया पिता का साया...माँ हुई बेहाल


मजदूर विष्णु की मौत भले ही कैसे भी हुई हो लेकिन उसके 3 बच्चियों के सिर से उसके बाप का हाथ जरूर उठ गया है, वही उनकी माँ के पास भी और कोई सहारा नही है, क्योंकि विष्णु ही अपने परिवार का भरण पोषण करता था, जिसके चले जाने से यह परिवार बेसहारा हो गया है, जिन्हें न्याय के साथ ही सभी का सहयोग और उचित मुआवजे की दरकार है।
Previous article
Next article

Leave Comments

Post a Comment

Ads Post 1

Ads Post 2

Ads Post 3

Ads Post 4

DEMOS BUY