ssnewsदो साल हो गए हैं तो, हौसला भी बुलंद हैं ,जमीन दलालों और कर चोरों से इनका मधुर संबंध है,,,
अवैध प्लाटिंग के संबंध में एसडीएम को 6 माह हो गया है आवेदन किए पर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ कार्यवाही।
मस्तूरी एसडीएम कार्यालय में भू माफिया और जमीन दलालों की है बोलबाला ग्रामीण आए दिन पेशी दर पेशी से परेशान।
मस्तूरी एसडीएम पंकज डाहीरे का पहली प्राथमिकता जमीन दलालों और भू माफियाओं का काम होना है दूरदराज से आए ग्रामीण आए दिन होते हैं परेशान।
एसडीएम के बाबू बैठे हुए खाली क्योकि जमीन दलाल बन गए बाबू
फर्जीवाड़े कर फोर लेन की शासकीय जमीन का हो गया खेला एसडीएम की सहमति से तभी तो नही कर रहे हैं कार्यवाही
स्वराज संदेश बिलासपुर। क्षेत्र में हो रहे बेधड़क अवैध प्लाटिंग से भोले-भाले ग्रामीण जनों को प्लाट खरीदने के नाम पर भू माफिया और जमीन दलाल आए दिन चूना लगा रहे हैं पक्की नाली की सड़क देने की बात कर कर कर मस्तूरी क्षेत्र में ना जाने कितने लोगों को उल्लू बना चुके हैं। जो ग्रामीण इन भू माफियाओं के चक्कर में जमीन लेकर अपना मकान निर्माण करवाए हैं वह आज पक्की सड़क और पक्की नाली नहीं होने की वजह से बरसात में कीचड़ व गंदगी का सामना कर रहे हैं। भूमाफिया लोग मस्तूरी क्षेत्र में ऐसे कई जगह पर अवैध प्लाटिंग कर सरकार से बिना अनुमति लिए बिना डायवर्शन एवं लेआउट कराए बिना सरकार के राजस्व को हानि पहुंचाने के साथ-साथ आम जनमानस को झूठा आश्वासन देकर भोली-भाली जनता को ठगने का काम कर रही है। जिसमें मस्तूरी एसडीएम पंकज डाहीरे मुख्य भूमिका निभा रहें है। दर्रीघाट , लावर, किरारी,मोहतरा, मस्तूरी सहित खुद एसडीएम कार्यालय के आसपास कृषि भूमियों में व्यवसायिक परिसर एवं आवासीय परिसर खुलेआम बनाया जा रहा है जिसका संरक्षण स्वयं खुद मस्तूरी एसडीएम दे रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे कई शासकीय जगह भी है जिसे निजी बताकर भू माफियाओं को बेचा गया है और उस जमीन पर भी अवैध प्लाटिंग का काम चल रहा है रोड निर्माण के लिए गिट्टी डाला जा चूका हैं पर एसडीएम को दिखाई नही देता गुलाबी रंग के सामने शासकीय जमीन बेचने वालों के खिलाफ शिकायत होने के बावजूद मस्तूरी एसडीएम द्वारा भू माफियाओं को हरी झंडी दिखा दी गई है। मस्तूरी एसडीएम कार्यालय में ग्रामीणों का काम ना हो कर आए दिन भू माफियाओं का काम होने से ग्रामीण बहुत ही परेशान रहते हैं। जिसकी शिकायत पूर्व कलेक्टर सारंस मित्तर से भी की गई थी। कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए मस्तूरी एसडीएम पंकज डाहीरे को तत्काल उचित कार्यवाही के लिए आदेशित भी किया था लेकिन कलेक्टर के आदेश को भी दरकिनार कर मस्तूरी एसडीएम मामला को दबाकर ही रखा है। ग्रामीणों की समस्या को लेकर कुछ राजनीतिक जनप्रतिनिधि
नए कलेक्टर से करेंगे शिकायत।
*शासन प्रशासन की पैसा को हजम कर पंचायत को हानि पहुंचाने वाले सरपंचों को भी दे रहे हैं संरक्षण*
ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए विकास कार्यों के लिए आए हुए राशि को सरपंचों के द्वारा विकास कार्य में ना लगा कर वारा न्यारा करने वाले ग्राम पंचायत जयरामनगर, टिकारी, पेंडरी, मचखडा जैसे और कई ग्राम पंचायत है उन सरपंचों पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ तारीख दर तारीख दे रहे हैं। जिसके कारण इन ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों में एसडीएम के खिलाफ भारी नाराजगी देखी जा रही है व मस्तूरी एसडीएम पंकज डाहीरे व घोटालेबाज सरपंचों की सांठगांठ होने की शिकायत मिल रही है।
*वही इस संबंध में मस्तूरी एसडीएम पंकज डाहीरे का कहना है कि मस्तूरी क्षेत्र में जहां जहां अवैध प्लाटिंग की शिकायत आ रही है उस जगह पर डीएससी रोक दी गई। उन जगहों का रजिस्ट्री कार्य वह नामांतरण नहीं हो रहा है।*
जबकि अवैध प्लाटिंग की शिकायत 6 माह बित गये है दिनांक 23 दिसंबर 2021 को अवैध प्लाटिंग की शिकायत किया गया था। उस दिनांक से ही आज दिनांक तक बेधड़क और बेलगाम अवैध प्लाटिंग, रजिस्ट्री, और नामांतरण का कार्य जोरो से हुआ है। शायद मस्तूरी एसडीएम शासन प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्र के भोले भाले जनता को भी भू माफिया और जमीन दलालों जैसे ठगने का काम कर रही है।
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