ssnews रेडी टू इट ,बच्चो की पोषण आहार पर लूट, नेताओं की यह अप्रत्यक्ष रूप से दुकान है ,और आज भी अनेक नेताओं द्वारा एक से अधिक रेडी टू इट समूह का संचालन कर करोड़पति बन चुके है ,इनका सीधा और मधुर संबंध उच्च अधिकारी से होता

 स्वराज संदेश बिलासपुर । कांग्रेस को यदि बिलासपुर जिले में अपने विधायकों की संख्या बढ़ानी है तो उसे जिले के कुछ महत्वपूर्ण विभागों में सफाई अभियान चलाना पड़ेगा और एक ऐसा ही विभाग है महिला एवं बाल विकास विभाग, बिलासपुर मे इस विभाग के प्रमुख पद पर जो व्यक्ति बैठा है वह असल में कोलार का पाप है जिसे अरपा ढो रही है। यहां पर ढोने शब्द पर ध्यान दें पाप धुल जाता तो अलग बात थी किंतु 22 साल से उसका ढोना अलग बात है। महिला बाल विकास विभाग को यह भ्रष्ट अधिकारी मध्य प्रदेश से कलंक के रूप में प्राप्त हुआ एक नहीं कई बार जांच हुई जांच के दस्तावेज अब पेज संख्या नहीं किलो के रूप में बदल चुके हैं। एक से अधिक नौकरी से निलंबित किए जाने की सिफारिशें हो चुकी हैं किंतु कांग्रेस की नपी तुली गलती बारंबार उजागर होती है अगर ऐसा नहीं होता तो 15 साल बाद छत्तीसगढ़ में दोबारा सत्ता में आते ही इस भ्रष्ट अधिकारी को बाहर का रास्ता दिखाया जाता किंतु ऐसा नहीं हुआ लोग यहां तक कहने लगे हैं कि इस अधिकारी को तो सीएम हाउस, स्पीकर हाउस या फिर राजभवन का आशीर्वाद प्राप्त है। वैसे स्थानीय स्तर पर सब जानते हैं कि इस भ्रष्ट अधिकारी को किस विधायक का संरक्षण प्राप्त है। अब गिनती करें उनके कार्यकाल के घोटालों की रेडी टू ईट प्रतिमाह 10%, संविदा नियुक्ति में प्रति पोस्टिंग 5 लाख, अनुदान स्वीकृति 30%, जांच दबाना 20%, निलंबित होने पर क्लीन चिट, वारदात अनुसार खरीदी में कमीशन 10%, के अतिरिक्त महिला संरक्षण केंद्र पर शोषण स्वयं पर छेड़खानी के आरोप के अतिरिक्त विभाग में हर तरीके का भ्रष्टाचार और उसे संरक्षण देना यहां तक की विभाग से संचालित होने वाले प्रशिक्षण सत्रों के लिए भी घूस एवं कमीशन के आरोप सामान्य हैं। जब कभी भी विभाग के बाहर आंगनबाड़ी सहायिकाएं एकत्र होती है तो उनके बीच चर्चा का मुख्य बिंदु यही होता है कि अधिकारी को कितना कमीशन देना है और अब की बार ज्यादा मांगने पर किस तरह सामूहिक रूप से इनकार करना है।
अब बात करें रेडी टू इट योजना की तो सर्वाधिक लेन देन इसी में होता है । भाजपा शासनकाल में अधिकाश रेडी टू इट भाजपा से संबद्ध रहने वाली स्व सहायता समूह ने हथिया ली थी ।या यू कहें कि भाजपा नेताओं की यह अप्रत्यक्ष रूप से दुकान है और आज भी अनेक भाजपा नेता एक से अधिक रेडी टू इट समूह का संचालन कर करोड़पति बन चुके है इनका सीधा और मधुर संबंध कार्यक्रम अधिकारी से होता है ।स्वाभाविक है रेडी टू इट की कमाई में कार्यक्रम अधिकारी का भी हिस्सा होता होगा । रेडी टू इट चलाने वाली अधिकाश समितियों का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद नए समूहों को संचालन की जिम्मेदारी दी जानी है इसके लिए बारी बारी से विज्ञापन जारी हो रहा है लेकिन यह सब दिखावे के लिए है ।रेडी टू इट का काम उसी को मिलेगा जिसे कार्यक्रम अधिकारी चाहेंगे । प्रदेश में भले ही सरकार कांग्रेस की है लेकिन कार्यक्रम अधिकारी की कृपा से उपकृत होने वाले अधिकांश भाजपा से जुड़े लोग थे ,हैं और उम्मीद है आगे भी रहेंगे मगर सरकार और कांग्रेस के लोगो को इस चर्चित जिला कार्यक्रम अधिकारी की गतिविधियों पर पता नही क्यों नजर ही नहीं जाती । बिलासपुर जिले में कांग्रेस की सीटें बढ़ानी है तो इस कार्यक्रम अधिकारी को लूप लाइन में भेजने के साथ ही इनके पूरे कार्यकाल की जांच करानी चाहिए ।
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