ssnews सामाजिक बहिष्कार पीड़ितों का दर्द नही समझ पाया पुलिस प्रशासन ,तो क्या करे पीड़ित परिवार अन्य सामाजिक संगठनों से कर रहे हैं सहयोग कि मांग तो GSS संगठन ने सुना पीड़ित परिवार की आप बीती सुनाते हुए प्रशासन की कानून व्यवस्था की नाकामी व जन विरोधी रवैया का पर्दाफाश करेगा Gss,,,
*सामाजिक बहिष्कार पीड़ितों ने GSS ऑफिस में आकर व्यथा की आपबीती सुनाते हुए प्रशासन की कानून व्यवस्था की नाकामी व जन विरोधी रवैया का पर्दाफाश किया।
पीड़ित परिवार ने आज गुरुघासीदास सेवादार संघ GSS के बिलासपुर कार्यालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों- स्थानों से सामाजिक बहिष्कार से पीड़ित जन आकर अपने साथ हो रहे अन्याय-प्रताड़ना की जानकारी दिए।
GSS प्रमुख लखन सुबोध को इन लोगों ने बताया कि सामाजिक ठेकेदार बने लोगों एवं उनके हित रक्षक पुलिस प्रशासन द्वारा प्रताड़ना की रिपोर्ट ना कर मामला वापस लेने के लिए डरा- धमका रहे हैं।
इस तरह के विभिन्न मामलों में एक मामला विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसमें ग्राम कैथा, थाना बिलाईगढ़, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी महादेव कुर्रे का है। महादेव कुर्रे उनकी पत्नी घसनीन बाई, पुत्र झुनेश्वर कुर्रे, पुत्रवधू आरती कुर्रे ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि, उनका कुछ भी अपराध नहीं है उनकी पुत्री अनुसुइया कुर्रे ने हरेश्वर साहू युवक से अंतर्जातीय शादी की है। यह अपराध नहीं बल्कि संवैधानिक आजादी है। इस पर प्रशासन अंतर्जातीय वैवाहिक जोड़ों को प्रोत्साहित- पुरस्कृत करता है।
लेकिन इन जातिय असमानता के कीड़े-ठेकेदार इसे जघन्य अपराध मानते हुए सामाजिक बहिष्कार-आर्थिक दंड किए हैं। यह परिवार गरीब प्रवासी मजदूर परिवार है।
युवक-युवती को ठेकेदारों-गुंडों ने इतना डराया- धमकाया और मारने के लिए षड्यंत्र किए। इससे डरकर वे दोनों जम्मू-काश्मीर चले गए। GSS की कोशिश से उनका पता नंबर से बात भी हुआ, लेकिन ठेकेदार-गुंडों को इसकी जानकारी होने पर वे पुनः युवक- युवती को धमकाया कि GSS के कहने पर पुलिस रिपोर्ट करोगे तो उनके गांव में रह रहे परिजनों को मार डालेंगे। और इसके बाद GSS के द्वारा बार-बार कोशिश के बाद फोन रिसीव नहीं करते और अब वह लोग कहां- किस स्थिति में है, यह पता नहीं है।
पीड़ित परिवार ने सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ थाना में रिपोर्ट करने लिखित आवेदन दिया। इन सतनामी ठेकेदारों में विभिन्न राजनीतिक दल कांग्रेस, भाजपा, बसपा सभी पार्टी के नामजदगी नेता-कार्यकर्ता हैं। इन सभी लोगों ने गांव के अन्य जाति ठेकेदारों के साथ मिलकर इस पीड़ित परिवार पर हर समय कैदी-अपराधी की तरह बर्ताव किया जाता है।
GSS द्वारा इस मुद्दे पर माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में PIL दाखिल करने एवं इस पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों व नीचे के अधिकारियों को जवाब-तलब/ नोटिस जारी होने के निर्णय से हम सब मानवाधिकार के पक्षधर, तो इसका स्वागत करते हैं। लेकिन असमानता तानाशाही के पक्षधर इससे डरे-सहमे हैं और यह कोशिश कर रहे हैं कि प्रशासन के रिपोर्ट में सामाजिक बहिष्कार जैसे मामलों की पुष्टि ना हो। इसलिए वे सभी पीड़ितों को मामला वापिस लेने डरा-धमका रहे हैं।
महादेव कुर्रे के मामला में भी यही सब देखने को मिला। उनके परिवार के साथ ठेकेदार- गुंडों ने पिछले दिनों मारपीट भी किया और पुलिस से सुरक्षा- सहायता मांगने पर कुछ नहीं किया गया, बल्कि बिलाईगढ़ थाना में पुलिस के साथ ठेकेदारों का ठसके के साथ बैठकर पीड़ित परिवार को धमकाते हुए कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गई *[पीड़ित परिवार ने पुलिस से बात चीत का कुछ वीडियो अंश भी संलग्न में है]* ।
इसी तरह से अन्य पीड़ितों ने जिनमें धार्मिक स्वतंत्रता से अपनी अंतरात्मा से विचार-मत- धर्म परंपरा को मानने, कथित छोटी जाति के घर पानी पी लेने, मुस्लिम का राजनैतिक मतदान में विरोध नहीं करने वालों एवं अन्य आदि कारणों से सामाजिक बहिष्कार करने वाले और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही प्रशासन द्वारा नहीं करने, उल्टे ठेकेदारों एवं उनको साथ देने वाले पुलिस द्वारा पीड़ितों को मामला वापस लेने की धमकी संबंधी तथ्यों से GSS को अवगत कराया गया।
GSS ने सभी पीड़ितों से आग्रह किया है कि, वे अपनी बातों को हलफनामा में प्रस्तुत करें। जिससे प्रमाणित रूप से सक्षम अधिकारियों/अदालत में प्रस्तुत कर न्याय मांगा जा सके। इस पर सभी के द्वारा हलफनामा तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रेस के लोगों ने भी पीड़ितों से साक्षात्कार बातचीत कर घटनाओं की जानकारी ली।
GSS सभी मानवाधिकारों के पक्षकारों से अपील करता है कि, न्याय के लिए पीड़ितों को संग-साथ दें।
यह सूचन अजय अनंत GSS ऑफिस सचिव
मो.नं.- 9755149057 द्वारा जारी किया गया है।
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