ssnewsराज्य में भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की लेकिन इस भाजपा नेता के कालिन्द्री आयरन इस्पात से निकल रहा है रोज धुआं और ओवर लोडिंग गाड़ियों से ग्रामीण परेशान रोड गड्ढों में तब्दील,,,,

स्पंज आयरन के भारी वाहनों के ओवरलोडिंग होकर चलने से रास्ते में चलना हुआ दुभर।
स्पंज आयरन के चिमनी से निकलने वाली धुवां के साथ-साथ सड़क पर बने गड्ढों के कारण ग्रामीण आए दिन होते हैं दुर्घटना के शिकार।
स्वराज संदेश बिलासपुर । मस्तूरी मुख्यालय के पचपेड़ी क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत मानिकचौरी के पास मौजूद कालिंद्री स्पंज आयरन प्लांट जैसे लोगों के लिए काल बनकर कर खड़ी हो। प्लांट में दर्जनों अनियमितता होने के बावजूद भी क्षेत्र के जवाबदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही की वजह से प्लांट एरिया के आसपास बसे ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। ग्रामीणों को सांस लेने की तकलीफ, स्वास्थ्य संबंधित कई सारी बीमारियां हो रही है। तो वही आवागमन व मुख्यालय पहुंचने में रोड की जर्जर स्थिति को लेकर आज ग्रामीण दुर्घटना का भी शिकार हो रहे हैं। ग्रामीणों के मन में कालिंद्री स्पंज आयरन को लेकर दिन-ब-दिन विरोध और गुस्सा बढ़ते क्रम में नजर आ रहे हैं। कृषि भुमी क्षेत्र में धुऐ की वजह से फसल की उपज में कमी आने के कारण किसानों में भी अब कालिंद्री स्पंज आयरन के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। पर्यावरण और प्लांट से संबंधित जवाबदार अधिकारियों के कमीशन खोरी ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का जीना दूभर कर दिया है। आखिरकार ग्रामीणों के लिए सजा बन चुकी स्पंज आयरन कंपनी कब बंद होगा और लोगों को जर्जर सड़क, खराब स्वास्थ्य से कब निजात मिलेगा इसका कोई भी जवाबदार लोग जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने प्लांट के विरोध में कमेटी भी तैयार कर ली है जो बहुत ही जल्द जिला कलेक्टर एवं पर्यावरण विभाग या फिर नेशनल हाईवे जैसे सड़क पर अपना धरना प्रदर्शन करने को भी तैयार हैं। लेकिन आम जनों के समझ से इस बात की परे  यह है कि आखिरकार जहर उगलने वाली कंपनी जो लोगों को मौत का दावत दे रही हो ऐसे कंपनी में किस जनप्रतिनिधियों के दलाली और कमीशन खोरी ने क्षेत्र के जनता को हलकान करके रखी है इस बात का क्षेत्रीय ग्रामीण बार-बार मुद्दा उठा रहे है। आखिरकार ग्राम पंचायत गोबरी, कोटड़ी, हरदी, मानिकचौरी, खपरी, बेलपान, रहटाटोर, भटचौरा, जैसे ग्राम पंचायतों को इस समस्या से कब निजात मिलेगा यह लोगों की समझ से परे है। और आखिरकार इस मामले पर क्षेत्रीय जवाबदार अधिकारी क्यों चुप्पी साधे हैं इसका भी लोग समझ पाने से असमर्थ हैं। आखिरकार जवाबदार अधिकारियों की कौन सी मजबूरी है जो लोगों की समस्या उन्हें दिखाई नहीं दे रही है। चाहे वह प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के इंजीनियर या उच्च अधिकारी हो या फिर पर्यावरण विभाग के अधिकारी हो। ऐसी कौन सी घुट्टी इन जवाबदार अधिकारी को प्लांट के द्वारा पिलाई जा रही है जिसके कारण उचित कार्यवाही करने से यह लोग आनाकानी कर रहे हैं।
Previous article
Next article

Leave Comments

Post a Comment

Ads Post 1

Ads Post 2

Ads Post 3

Ads Post 4

DEMOS BUY