ssnews नरवा, गरूवा, घुरवा,बाडी योजना के अंतर्गत रोका छेका कार्यक्रम का बोहारडीह में निर्मित आदर्श गौठान का शुभारंभ, रोका छेका के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर अपने पशुओ को गौठान मे लाकर रखने का संकल्प लिया
नरवा, गरूवा, घुरवा,बाडी योजना के अंतर्गत रोका छेका कार्यक्रम का बोहारडीह के आदर्श गौठान मे शुभारंभ
रोका छेका के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर अपने पशुओ को गौठान मे लाकर रखने का संकल्प लिया गया।
स्वराज संदेश मस्तुरीः आयोजित कार्यक्रम मे उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जनपद सीईओ कुमार सिंह लहरे ने बताया कि ग्रामीणों को सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना के लाभ के बारे में बताया जाएगा। सभी गांवों में गौठान प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। रोका-छेका लागू करने और फसलों को बचाने ग्रामीण आपस मे चर्चा करेंगे। इस दौरान विभिन्न विभागों के मैदानी अमले द्वारा सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों में निर्मित सर्वसुविधायुक्त गौठानों से रोका-छेका में बहुत मदद मिलेगी। मवेशियों के लिए गौठानों में ही चारा, पानी और छाया की व्यवस्था है।
उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए मास्क या साफ कपड़े से मुंह ढंककर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।गौठानों में वृक्षारोपण, ग्राम गौठान समिति की बैठक, शासकीय योजनाओं के साथ ही गौठानों में चारे की व्यवस्था के लिए पैरा एकत्रीकरण पर चर्चा की जाएगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा गौठानों में बनाए गए उत्पादों का विक्रय भी किया जायेगा।
रोका-छेका कार्यक्रम के 20 जून 2021 रविवार को मस्तुरी पूर्व विधायक दिलीप लहरिया व ब्लॉक अध्यक्ष नागेंद्र राय जनपद पंचायत मस्तुरी की ग्राम पंचायत बोहारडीह की गौठान में पहुंचे। इस दौरान कार्यक्रम के पहले ग्रामदेवता का पुजन कर पूर्व विधायक दिलीप लहरिया ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि रोका-छेका ही यह परंपरा गांव में प्राचीन समय से चली आ रही है। आज इस परंपरा के तहत ही तय किया जा रहा है कि पशुपालक अपने मवेशियों को घर में रखे या गौठान में भेजे। इससे फसल की बुआई के समय किसानों को खुले घूमने वाले मवेशियों से नुकसान नहीं होगा। इसलिए कोई भी अपने पशुओं को खुले में नहीं छोड़ेंगे। रोको-छेका कार्यक्रम के दौरान ही कहा कि वे अपने पशुओं को गौठान में ही भेजेंगे और किसानों की फसल को नुकसान होने से बचाएंगे।
उन्होंने ने कहा कि राज्य शासन की मंशानुरूप एनजीजीबी के तहत गौठान बनाए गए हैं। इन गौठानों में रोका-छेका परंपरा के अनुसार ही पशुपालक अपने मवेशियों को भेजे। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समूह की महिलाओं से कहा कि आजीविका संवर्धन की दिशा में बेहतर कार्य करें, उन्हें हरसंभव प्रशिक्षण एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से जोड़कर लाभ दिलाया जाएगा। गौठान में काम करते हुए बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में भी समूहों की महिलाओं ने विभिन्न गतिविधियों में कार्य करते हुए आय अर्जित की है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है, ताकि वे बेहतर धान एवं अन्य फसलों को उत्पादन कर सके। इसके अलावा ग्राम पंचायत बोहारडीह में गौठान में ही बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों से रोका-छेका के संबंध में विस्तार से बतलाया।
मस्तुरी ब्लॉक अध्यक्ष नागेंद्र राय ने बताया कि फसल बुवाई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु रोका-छेका कार्यक्रम रखा गया है। रोका-छेका प्रथा अनुरूप पशुओं को बांधकर रखने तथा पशुओं के नियंत्रण से फसल बचाव का निर्णय यह रोका छेका कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया गया है।।रोका-छेका प्रथा अंतर्गत गोठानों में पशुओं के प्रबंधन व रखरखाव की उचित व्यवस्था हेतु गोठान प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की जाए। ऐसे गौठान जो सक्रिय परिलक्षित नहीं हो रहें है वहां आवश्यकतानुसार
पहटिया या चरवाहे की व्यवस्था से पशुओं का गोठान में व्यवस्थापन सुनिश्चित कराएं । गोठानों में पशु चिकित्सा तथा स्वास्थय शिविर का आयोजन कराए।वर्षा के मौसम में गोठानोें में पशुओ के सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध किया जाए। वर्षा से जल भराव की समस्या दूर करने के लिए गोठानों में जल निकास की समुचित व्यवस्था की जाए तथा गोठान परिसर में पशुओं के बैठने हेतु कीचड़ आदि से मुक्त स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वर्षा एवं बाढ़ से गोधन न्याय योजना अंतर्गत क्रय गोबर, उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट को सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाए। जैविक खेती हेतु वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट की महत्ता का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। गोधन न्याय योजना अंतर्गत उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट के खेती में उपयोग हेतु कृषकों को प्रेरित किया जाए। गोठानों में पर्याप्त चारा (पैरा आदि) की व्यवस्था की जाए। गोठानों से संबंद्ध स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का प्रदर्शन कराए।छत्तीसगढ में खरीफ फसल बुआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु रोेका-छेका प्रथा प्रचलित है, जिसमें फसल बुआई को बढ़ावा देने तथा पशुओं के चरने से फसल को होने वाली हानि से बचाने के लिए पशुपालक तथा ग्रामवासियों द्वारा पशुओं को बांधकर रखने अथवा पहटिया या चरवाहा की व्यवस्था इत्यादि कार्य किया जाता है । इस प्रयास से न सिर्फ कृषक शीघ्र बुआई कार्य संपादित कर पाते है अपितु द्वितीय फसल लेने हेतु प्रेरित होते है ।
जिला पंचायत सभापति राजमहंत राजेश्वर भार्गव ने छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के बारे में विस्तार से बतलाया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना जिले के सभी ग्रामवासियों के लिए लाभदायक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि खेती बाड़ी के दिनों में किसानों की फसलों को मवेषियों से बचाने के लिए शासन द्वारा रोका-छेका कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। ताकि ग्रामवासियों के लिए गांव में बनाए गए गौठान में पशुओं को एकत्रित किया जा सके और गांव में खेतों किसानों द्वारा लगाए गए फसलों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो पाए। उन्होंने कहा कि रोका-छेका कार्यक्रम प्रारंभ करने के पीछे शासन की मंशा यह है कि मवेषियों का उचित प्रबंधन के साथ ही किसानों की फसल भी सुरक्षित रहे और पशुओं को गोठान में चारे-पानी के साथ उनकी सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। भार्गव ने कहा कि ग्रामवासियों को किसी भी प्रकार समस्या हो तो प्राथमिकता से उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा, उन्होंने सभी से शासन की योजनाओं का लाभ उठाने की आग्रह किया। इसी अवसर मे गौठान परिसर मे वृक्षारोपण भी किया गया।
इस अवसर पर मस्तुरी पूर्व विधायक दिलीप लहरिया,पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष कौशल पान्डेय,मस्तुरी ब्लॉक अध्यक्ष नागेंद्र राय, जिला पंचायत सभापति राजेश्वर भार्गव, प्रदेश सचिव किरण तिवारी,जनपद पंचायत अध्यक्ष रामनारायण राठौर, सभापति दामोदर कांत, बोहारडीह सरपंच श्रीमति संतोषी रात्रे,जनपद पंचायत सीईओ कुमार सिह लहरे, ग्राम सेवक पशुधन विभागीय अधिकारी,जनप्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थिति रहे।
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