ssnews शिक्षा विभाग भगवान भरोसे, जवाबदार अधिकारी खुद आऐ दिन रहते हैं कार्यालय से लापता.

मस्तूरी क्षेत्र के शिक्षा विभाग भगवान भरोसे, जवाबदार अधिकारी खुद आऐ दिन रहते हैं कार्यालय से लापता...

स्वराज संदेश मस्तूरी। जनपद क्षेत्र में लगातार शिक्षा विभाग में शिक्षकों की लापरवाही देखने मिल रही है. शिक्षा विभाग के दफ्तर में आए दिन अधिकारी, कर्मचारी, गायब रहते हैं, हफ्ते में दो दिन भी शिक्षा विभाग के अधिकारी का कार्यालय में उपस्थित नहीं देखने को मिलता, ऑफिशियल कार्यों में उदासीनता के साथ-साथ क्षेत्र स्कूलों में उदंडता आऐ दिन सामने आ रही,कभी मध्यान भोजन में तो कभी शिक्षक स्कूल शराब पीकर पहुंच जा रहे हैं, तो कभी स्कूल के छात्राओं से छेड़खानी का मामला सामने आ रहा है, मस्तूरी क्षेत्र में शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, एक मामला शांत नहीं होता कि दूसरा मामला उजागर हो जाता है, पचपेड़ी के आत्मानंद स्कूल में छात्रा से छेड़छाड़ का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बहतरा में शिक्षक का शराब पीकर स्कूल पहुंचने का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है,

 इससे पहले भी मस्तूरी विकासखंड के सीपत क्षेत्र की एक शिक्षक के द्वारा छात्र से छेड़खानी का मामला आया था जिसमें शिक्षक को निलंबित किया गया पर उनके खिलाफ  थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराया गया   जबकि  नालायक शिक्षक ने दूसरी बार छेड़खानी किया था ऐसे नालायक शिक्षक को पद मुक्त कर देना चाहिए तभी सुधार हो साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़े शिक्षक को। मचहा में शिक्षक द्वारा स्कूल प्रांगण में खुलेआम शराब पीने का वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ था जांच उपरांत उस शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई अब सवाल यह उठता है कि, मस्तूरी मुख्यालय में बैठे शिक्षा अधिकारी जिनके अंदर ब्लॉक का पूरा शिक्षा विभाग आता है, क्या वे शिक्षा विभाग को नहीं संभाल पा रहे हैं दबे जुबान ही सही पर शिक्षा विभाग में बैठे कुछ अधिकारी यह बताते हैं कि जब से मस्तूरी में नए बी ई ओ आये हैं, तब से अब तक लगातार ऐसी घटनाएं हो रही है, अब ये इनकी बदकिस्मती हैं या कमजोरी ये तो वक्त ही बताएगा विभाग के कुछ अनुभवी लोगों का यह भी मानना है कि मॉनिटरिंग में कमी की वजह से ये लापरवाही हो रहें है आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही है, जो पूरे शिक्षा जगत को शर्मसार कर दे रही है उच्च अधिकारी अगर सिस्टम में व्याप्त कमजोरी को दूर करें तो ये सब शायद देखने ना मिले उच्च अधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा करें और स्कूलों में जाकर ब्यवस्था को देखे तो शायद इसमें कमी आ जाए पर ऐसा अभी तक तो सुनने में नहीं आया है, अगर मस्तूरी मुख्यालय में बैठे बड़े अधिकारी ही इसको ना सुधारना चाहे तो वो बात अलग हैँ देखना ये भी होगा की लगातार हो रही ऐसी घटनाओं को सुधारने बीईओ मस्तूरी क्या कदम उठाते हैँ।

सवाल जो सबके जुबान पर है.... 

(1) लगातार आ रहीं शिक्षकों की लापरवाही के सुधार के लिए अभी तक क्या कदम उठाये गए ?

2) क्या शिक्षा अधिकारी और सहयोगी क्षेत्र के स्कूलो का लगातार दौरा करते हैं ?

(3) क्यों एम डी एम में भरती जा रहीं लापरवाही क्या किया गया सुधार के लिए अब तक ?

(4) शिक्षकों कों इतनी आजादी किसने दी जो शराब पी कर पहुंच रहें स्कूल ?

(5) क्या शिक्षकों के मन में नहीं हैं बड़े अधिकारियों का डर ?

(6) क्या ये बी ई ओ की कमजोरी हैं ?
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