ssnews पेपर बांटने वाली महिला क्षेत्र में बिकवा रही है अवैध शराब,5 से अधिक ग्राम पंचायतों में शराब,,
4 ग्राम पंचायतों में कोचियों से कमीशन खोरी कर कच्ची एवं देसी विदेशी शराब का करवाती है बिक्री
शराब बेचने वाले कोचिया एक दूसरे पर रहे हैं लगा रहे हैं आरोप की में सत्यवादी हरिचन्द्र के परिवार हैं कहकर जबकि कई सारे है उन लोगों के खिलाफ में आबकारी एक्ट तहत मामला दर्ज
शराब के अवैध कारोबार में जुड़े हुए लोगों के छोटी से शिकायत पर अधिकारी बिना जांच किए भी कर देते हैं करवाही जबकी पूरे मामले में होनी चाहिए जांच के बाद कार्रवाई
स्वराज संदेश बिलासपुर । जिले में सिर्फ एक मात्र ही मस्तूरी ऐसा ब्लॉक है जो सिर्फ और सिर्फ एक ही मामलों में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहती है। जिसके कारण मस्तूरी ब्लॉक आए दिन अपने इस पहचान के लिए लोगों से सुर्खियां बटोरती रहती है। मस्तूरी ब्लॉक को सुर्खियों में लाने का काम मस्तूरी मुख्यालय से 20 किलोमीटर पर दूरी पर स्थित पचपेड़ी थाना क्षेत्र है। जो क्षेत्र में शराब बिक्री के नाम से आए दिन सोशल मीडिया से लेकर शासकीय कार्यालयों तक चर्चा में रहती है। क्षेत्र में कितने थाना प्रभारी आए और गए। आबकारी विभाग की अमला आए दिन चाहे कितनी भी गस्त या दौरा कर ले लेकिन क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री को रोक नहीं लगा पा रहे हैं। जिसके कारण आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के नाक के नीचे बेधड़क बेखौफ होकर अवैध शराब की बिक्री जोरों से चल रही है। ऐसा भी नहीं है कि इसकी भनक उच्च अधिकारियों को ना हो, मुख्यालय में बैठे जवाबदार अधिकारियों के सुस्त रवैया और क्षेत्र को अनदेखा करने के ही वजह से क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री चरम पर है। एक छोटी सी जानकारी देते हुए अपने पाठकों को हम बताते चलें कि पचपेड़ी क्षेत्र के एक 50 वर्षीय महिला क्षेत्र में काफी चर्चित है। उसका वजह यह है कि दैनिक अखबार की कुछ प्रतियां हाकर के रूप में पेपर बटवाती है , और क्षेत्र में अपने आप को एक वरिष्ठ पत्रकार बताते हुए, हर जगह हर रौब झाड़ती फिरती है, और अएसी ही दबंगाई दिखाते हुए यह महिला पचपेड़ी थाना क्षेत्र के आस पास लगभग 5 ग्राम पंचायतों में जैसे कि केवतरा,सुकुलकारी,भटचौरा, बेल्हा, लोहसी, जैसे ग्राम पंचायतों में कई कोचिऐ पाल के रखे हैं। जिनसे हर महीने अवैध शराब बिक्री करवाने की ऐवज में मोटी रकम वसूली करती है। इन प्रभावित ग्राम पंचायतों के कई युवाओं को नशे की लत लगाने में इनकी अहम भूमिका है। ग्रामीणों को उनके इस कृत्य को देखकर यह समझ से परे है कि आखिरकार आबकारी और पुलिस विभाग ऐसे महिला को क्यों संरक्षण दे रहे हैं।
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