ssnewsआखिर किसने खाया हितग्राहियों का दो माह का चावल ,जवाब नही दे पा रहे हैं जवाबदार अधिकारी,,,

मस्तूरी क्षेत्र के कई शासकीय राशन दुकानों में चावल नहीं मिलने से हो रही है समस्या, फूड इंस्पेक्टर मोर्या की उदासीनता साफ साफ आ रही है नजर।


स्वराज संदेश मस्तूरी। तहसील क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को चावल की समस्या बनी हुई है कहीं पर 2 माह का चावल वितरण नहीं हो रहा है तो कहीं कई राशन केंद्रों में शक्कर,नमक, मिट्टी तेल की आपूर्ति नहीं हो रही है। एक और छत्तीसगढ़ शासन जहां 2 माह की चावल वितरण करने के आदेश दिए हैं तो वही मस्तूरी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में शासन के निर्देशानुसार चावल भी नहीं मिल पा रही है। कई राशन दुकानों में दुकान संचालक द्वारा मनमानी तो कहीं दुकान संचालकों के द्वारा दो-दो माह का चावल घोटाला करने की शिकायत मिलती आ रही है। ग्राम पंचायत मस्तूरी, धनगवा ,जैतपुरी, कोनी, टिकारी, रहटाटोर, कोकड़ी, हरदी,पेंडरी,पाली पताईडीह,भरारी, जैसे ग्राम पंचायतों में आज भी दो माह का चावल पूर्ण रूप से नहीं मिलने की ,और राशन सामग्री में कटौती कर तौल में कम देने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा है जिले के उच्च अधिकारियों के साथ किया जा रहा है, लेकिन क्षेत्रीय फूड इंस्पेक्टर की उदासीनता और कार्य में लेट लतीफी करने की वजह से आज मस्तूरी क्षेत्र के राशन दुकानों में गरीब ग्रामीणों को सामान लेने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, ग्रामीण लोगों के द्वारा कितनी सारी शिकायतें शासन में बैठे उच्च अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं,पर  कहीं कुछ कड़ी कदम फूड इंस्पेक्टर के द्वारा नहीं उठाया जा रहा है जिसका भुगतना आज आम ग्रामीण जनों को हो रहा है। ऐसे ही ताजा मामला मस्तूरी जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत धनगवां का सामने आया है, जहां पर 952 राशन कार्डधारि हैं जिसे आज दिनांक तक एक भी राशन कार्ड हितग्राहियों को चावल वितरण नहीं किया गया है, राशन दुकान का संचालन अनामिका महिला स्व सहायता द्वारा किया जाता हैं, फूड स्पेक्टर मस्तूरी के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें सिर्फ 340 कट्टी चावल पाया गया ,शासन के द्वारा अप्रैल, मई का चावल एकमुस्त आवंटन किया जा रहा हैं, परन्तु अप्रैल मई में एक भी हितग्राहियो को चावल नहीं मिला हैं , जिस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मस्तूरी एसडीएम और बिलासपुर कलेक्टर को भारी संख्या में उपस्थित होकर चावल नहीं मिलने की शिकायत किए हैं। लेकिन देखना यह है कि क्या उच्च अधिकारियों के बातों को गंभीरता से लेते हुए क्या मस्तूरी फूड इंस्पेक्टर राशन घोटाला करने वाले राशन दुकान संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को उनकी खाद्य सामग्री उपलब्ध करा पाते हैं या नहीं।
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