ssnews जहरीले धुंऐ खा रहे ग्रामीण, और माल खा रहे हैं सेठ, कालिंद्री आयरन इस्पात के जहरीले धूआं से हैं ग्रामीण परेशान,,,
माल खा रहे हैं सेठ और कालिंद्री आयरन इस्पात के जहरीले धुंऐ खा रहे ग्रामीण
प्लांट एरिया के आसपास बसे गांव के लोगों को जहरीले धुएं से कई, सारी हो रही है बिमारियां।
स्वराज संदेश बिलासपुर। मस्तूरी मुख्यालय के पचपेड़ी परीक्षेत्र के ग्राम पंचायत मानिकचौरी के पास स्थित कालिंद्री स्पंज आयरन प्लांट के वजह से आसपास के ग्राम पंचायत के लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्लांट की चिमनी से निकलने वाली जहरीली धुए से आसपास के एरिया मानो कालेपन की चादर ओढ़ ली हो। चीमनी से निकलने वाली धुए से हरे भरे पेड़ पौधे यहां तक के कृषि क्षेत्र भी जहरीले धुएं की वजह से एवं धूल राखण उड़ने से आसपास की प्राकृतिक चीजें बंजर में तब्दील होती दिखाई दे रही है। दिन रात प्लांट की चिमनी से निकलने वाली जहरीले नुमा धुंआ से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास की बीमारी , एवं टीवी जैसे आदि बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। साथ ही साथ दिन भर ओवरलोड से भरी बड़े बड़े वाहनों के चलने से ग्रामीण एरिया कि सड़क ही गायब हो चुके हैं जगह-जगह गड्ढे और धूल से आवागमन करने वाले ग्रामीणजन बहुत ही ज्यादा परेशान हैं और आए दिन ग्रामीण दुर्घटना के शिकार होते हैं ग्रामीणों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्लांट दिन-रात चलता है पर्यावरण संबंधित कोई भी नियम कानून को प्लांट प्रबंधक के द्वारा लागू नहीं किया गया है मनमर्जी रूप से बेधड़क होकर शासन की गाइडलाइन के नियम विरुद्ध प्लान का संचालन किया जा रहा है।नहीं आसपास के किसी को ग्राम पंचायत को सीएसआर मद के तहत कोई भी विकास कार्य के लिए उचित अनुदान राशि किया जाता है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्लांट में काम करने वाले मजदूरों को पूरी सेफ्टी के साथ भी कार्य नहीं कराया जाता जिसके कारण आए दिन मजदूरों को किसी न किसी तरीके से छोटी मोटी घटनाओं से भी होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में बिना पूरी सेफ्टी के प्लांट के अंदर काम करवाने से कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। साथ ही रोजी मजदूरी कर रहे लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि शासन के नियमानुसार उन्हें उनकी रोजी वेतन भी नहीं दिया जाता। इन सभी समस्याओं को देखते हुए प्लांट एरिया के आसपास बसे ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने कालिंद्री इस्पात के विरोध में बड़ी आंदोलन करने की तैयारी कर ली है साथ ही इन सभी समस्याओं को लेकर बिलासपुर कलेक्ट्रेट को ज्ञापन भी सपने की बात क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने कही है। प्लांट के इन सारी समस्याओं के बारे में जब प्लांट प्रबंधक या फिर उनके कोई जवाबदार अधिकारियों से इस विषय में जानकारी ली जाती है तो कोई भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाती।
ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि बिना कोई भी पंचायत से सहमति लिए बगैर प्लांट में तीसरा किलन लगाया जा रहा है जिसके कारण आसपास क्षेत्र में और भी प्रदूषित वातावरण बनेगा। सन दो हजार पांच और छह में दो किलन लगाया गया था तो क्षेत्र की जनता वायु प्रदूषण से इतनी परेशान हैं अब पता नहीं तीसरे किलन के लगने से ना जाने क्षेत्र की क्या स्थिति होगी।
जनप्रतिनिधियों ने यह भी बताया है कि मजदूरों का ईएसआई स्वास्थ्य प्रशिक्षण जांच भी नहीं कराया जाता जिसके कारण मजदूरों को होने वाले परेशानियों का पता भी नहीं चलता। जबकि महीने में कम से कम एक बार काम कर रहे मजदूरों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण कराना अनिवार्य है।
पर्यावरण विभाग के द्वारा लीज भी समाप्त होने वाली बात कही जा रही है।
*प्लांट में में काम करने वाले एक मजदूर का कुछ महीने हुआ है मृत्यु।*
जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि ग्राम पंचायत ध्रुवाकारी के रहने वाले शेर सिह का कालिंद्री स्पंज आयरन कंपनी में स्टोर कीपर के कार्य करता था जिसका स्वास्थ्य संबंधित समस्या होने की वजह से कुछ माह पूर्व ही मृत्यु हुई है परिजनों का आरोप है कि कोई भी प्रकार की स्वास्थ्य प्रशिक्षण नहीं होने के कारण स्वास संबंधित बीमारियों का पता नहीं चल पाया जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई है। मजदूर के मृत्यु उपरांत भड़के जनप्रतिनिधियों ने प्लांट को 12 दिनों तक बंद भी करा दिया था। मृत्यु हुए मजदूर के परिजनों को प्लांट के द्वारा ₹ पचास हजार का मुआवजा राशि दिया गया तब जाकर मामला शांत हुआ।
*जवाबदार अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं आइए जानते हैं क्या कहते हैं जवाबदार..*
वही इस संबंध में कालिंद्री स्पंज आयरन के जनरल मैनेजर अरविंद सिंह का कहना है कि प्लांट के कुछ गुप्त बातों को आम लोगों को बताना हमारे अधिकार में नहीं है इसलिए हम पूर्ण रुप से प्लांट के संबंध में जानकारी नहीं दे सकते कह कर अपनी जवाबदारी से पीछे हट गए।
मस्तूरी एसडीएम पंकज डाहीरे से भी इस संबंध में जानकारी लिया गया तो एसडीएम पंकज डाहीरे का कहना है कि इन सभी विषयों पर मुझे किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है मैं उसको जांच करवा कर गलत मिलने पर उचित करवाही करूंगा बोला है।
पर्यावरण विभाग के जवाबदार अधिकारियों को भी फोन के माध्यम से संपर्क किया गया तो कोई भी जवाबदार अधिकारी फोन ही नहीं उठाया। जिससे उनकी कामचोरी और कार्य के प्रति उदासीनता साफ दिखाई दे रही है।
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