ssnwes व्यापारियों, दुकानदारों और स्व-नियोजित व्यक्तियों को मिलेगी ,,60साल की उम्र के बाद मिलेगी न्यूनतम पेशन 3000रु प्रतिमाह पेशन : प्रदीप टण्डन,,,



व्यापारियों, दुकानदारों और स्व-नियोजित व्यक्तियों को मिलेगी पेंशनः प्रदीप टण्डन

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 केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की राष्ट्रीय पेंशन योजना-2019 अधिसूचित, एलआईसी और कॉमन सर्विस सेंटर-स्पेशल पर्पज़ वेह्किल के माध्यम क्रियान्वित होगी योजना

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   60 साल की उम्र के बाद मिलेगी न्यूनतम 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन

·        असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के परामर्श से अपेक्षित क्षेत्रों में पेंशन निधि स्थापित की जाएगी और पात्रों के बराबर ही सरकार अंशदान करेगी

स्वराज संदेश रायपुर। नेशनल एंप्लायर्स फेडरेशन-छत्तीसगढ़ चैप्टर के चेयरमैन प्रदीप टण्डन ने कहा कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने राष्ट्रीय पेंशन योजना-2019 अधिसूचित कर दी है, जिसमें व्यापारियों, दुकानदारों, स्व-नियोजित व्यक्तियों को 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी पात्र व्यक्ति इसके लिए अपना आधार कार्ड तैयार करा लें जिससे उन्हें अनेक औपचारिकताएं पूरी करने से राहत मिलेगी।

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की अधिसूचना के हवाले से  टण्डन ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य विद्यमान योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार मुख्य रूप से छोटे दुकानदारों या खुदरा व्यापारियों, स्व-नियोजित व्यक्तियों, छोटे चावल मिल मालिकों, तेल मिल मालिकों, आटा चक्की मालिकों, कर्मशाला या गैराज मालिकों, कमीशन एजेंटों, रियल इस्टेट ब्रोकरों, छोटे रेस्तरां मालिकों को न्यूनतम 3000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। केंद्र सरकार प्रायोजित इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के परामर्श से अपेक्षित क्षेत्रों में पेंशन निधि स्थापित की जाएगी और पात्रों के बराबर ही सरकार इसमें अंशदान करेगी।

उन्होंने कहा कि एलआईसी और कॉमन सर्विस सेंटर-स्पेशल पर्पज़ वेह्किल जैसी क्रियान्वयन एजेंसियों के माध्यम से यह योजना लागू की जाएगी। टण्डन ने कहा कि इस लाभ के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना आधार कार्ड तैयार रखना होगा। पात्रों तक सेवाओं या कोई लाभ अथवा सब्सिडी जैसी सरकारी सहायता पहुंचाने में एक पहचान दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड न सिर्फ प्रक्रियाओं के सरलीकरण में सहायक है बल्कि इससे पारदर्शिता और सार्थकता सुनिश्चित होती है। आधार कार्ड हितधारकों को सुविधाजनक और निर्बाध तरीके से लाभ का सक्षम हकदार बनाता है और किसी भी व्यक्ति की पहचान को साबित करने के लिए विभिन्न दस्तावेज प्रस्तुत करने की कठिन प्रक्रिया से भी बचाता है। टण्डन ने कहा कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं, उनके आधार नामांकन की व्यवस्था सरकार करेगी। नामांकन के बाद पात्र व्यक्ति को आधार नामांकन की पर्ची के साथ फोटो सहित बैंक या पोस्टऑफिस की पासबुक अथवा भारतीय निर्वाचन आयोग का मतदाता फोटोयुक्त पहचानपत्र या पैनकार्ड अथवा पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड या मनरेगा कार्ड या किसान फोटो पासबुक या किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित फोटोयुक्त पहचानपत्र या मंत्रालय द्वारा जारी कोई अन्य दस्तावेज आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। इन दस्तावेजों की जांच उचित सरकारी अधिकारी करेंगे।  

पहचान संबंधी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी तकनीकी कारणों से आधार सर्टिफिकेशन का काम नहीं हो पा रहा, उन परिस्थितियों में आइरिस (आँख) स्कैन या फेस सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इस प्रक्रिया में भी बाधा आती है तो सीमित समय वैधता वाले आधार वन टाइम पासवर्ड या समय आधारित वन टाइम पासवर्ड से पात्रता प्रमाणित की जाएगी। इन तमाम प्रयासों में विफलता की स्थिति में योजना के तहत निर्धारित लाभ भौतिक आधार पत्र के माध्यम से दिये जाएंगे, जिसमें मुद्रित क्विक रेस्पांस कोड से पात्रता की प्रामाणिकता सत्यापित की जाएगी और यह कार्य क्रियान्वयन एजेंसियों के माध्यम से सरकार सुविधाजनक स्थान पर संपन्न कराएगी।

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