ssnewsसीखने की कोई उम्र नहीं होती ,,, जीवन सीखने की सतत प्रक्रिया है,,,, हमें अंतिम साँस तक सीखते रहने का प्रयास करना चाहिए,,,
सीखने की कोई उम्र नहीं होती
जीवन सीखने की सतत प्रक्रिया है, हमें अंतिम साँस तक सीखते रहने का प्रयास करना चाहिए
स्वराज संदेश रायपुर। जीवन में कुछ नया सीखने के लिए उत्साह और जोश होना चाहिए. सीखने की इस प्रक्रिया में उम्र रुकावट के रूप में नहीं आनी चाहिए. बढती उम्र के साथ धीमी गति से सीखने की प्रक्रिया के मिथक को हमारे मैट्स विश्वविद्यालय के लॉ के विद्यार्थियों ने तोडा है.
जिनके नाम हैं उदय तिवारी, हरिचरण द्विवेदी और ओमप्रकाश उपाध्याय. इन सभी के उम्र 65 साल से ज्यादा हैं. इन्होने साल 2018-21 बैच में लॉ मैट्स लॉ स्कूल में लॉ की पढाई की. जब बैच का परिणाम घोषित किया गया तो उन्हें कक्षा में प्रावीण्य सूची में देखना आश्चर्यजनक था. मैट्स यूनिवर्सिटी के अर्नोल्ड विल्फ्रेड हाफमैन, सेप्टूजेनेरियन का भी विशेष उल्लेख करना होगा, जिन्होंने विश्वविद्यालय में मास्टर्स इन लॉ प्रोग्राम में प्रवेश लेने की इच्छा जताई. इससे सिद्ध होता है कि ज्ञान प्राप्ति की कोई आयु सीमा नहीं होती.
बताते चलें उपरोक्त विद्यार्थी उच्चपदों में सक्रिय सेवाएँ देते हुए अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. भारतीय कानून प्रणाली को समझने और जरुरतमंदो को क़ानूनी सलाह देने के लिए यह डिग्री हासिल की है.
Previous article
Next article
Leave Comments
Post a Comment