ssnews कोर्ट के आदेश की नई व्याख्या कर दी, तहसीलदार ने कब्जा धारियों से कब्जा वापस लेकर शासन के संरक्षण में रख ली 13 दुकाने
00भू स्वामी ने बताया कार्यवाही को पक्षपातपूर्ण
00 कोर्ट के आदेश की नई व्याख्या कर दी तहसीलदार ने कब्जा धारियों से कब्जा वापस लेकर शासन के संरक्षण में रख ली 13 दुकाने
00उच्च अधिकारियों के आदेश को मस्तूरी तहसीलदार ने रद्दी की टोकरी में डालकर स्वंम निकाले आदेश पर कायम
00 कब्जा धारियों को पुनः मिला मौका फिर करेगें आवेदन समान निकाले के लिए
00 मौके पर उपस्थित रहे कब्जा धारियों का सुना पक्ष तहसीलदार पर पंचनामा में एक भी कब्जा धारियों ने नही किया हस्ताक्षर
00 कार्यवाही के दौरान नही हुआ कोरोना गाइड लाइन का भारी संख्या में लोग रहे उपस्थित
स्वराज संदेश बिलासपुर । मस्तूरी ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचपेड़ी के मुख्य मार्ग पर स्थित 13 दुकानों को आज प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया। प्रशासन की यह कार्यवाही भूषण प्रसाद मधुकर (वादी) के अनुसार पक्षपात पूर्ण है क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार कब्ज़ा उन्हें सौंपा जाना था उन्होंने इस संदर्भ में मस्तूरी के तहसीलदार का एक बेदखली वारंट भी दिखाया जिसमें पुलिस थाना से बल की मांग 7.9.2020 में की गई थी, और उसमें स्पष्ट लिखा हुआ था कि वादी भूषण प्रसाद को भूमि का कब्जा दिलाना है जिस पर 13 अवैध कब्जा धारी हैं। सीधा मामला पटवारी हल्का नंबर 42 खसरा नंबर 262 / 7 रकबा 0.24 डिसमिल का है जिसमें मुख्य विवाद झाड़ीराम और भूषण प्रसाद मधुकर के मध्य था बाद में वाद भूमि पर झाड़ीराम ने 12 अन्य लोगों को काबिज करा दिया। पहले तहसील कोर्ट, फिर अनुविभागीय दंडाधिकारी, फिर व्यवहार न्यायालय वर्ग 2, सत्र न्यायालय और बाद में उच्च न्यायालय तक से फैसले भूषण प्रसाद मधुकर के होते चले गए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि आदेश दिनांक से 60 दिवस के भीतर भूषण प्रसाद मधुकर के पक्ष में कब्जा दिलाने को कहा था तब आवेदक ने आदेश के परिपालन के लिए तहसील न्यायालय में आवेदन पत्र लगाया है। तहसीलदार ने तब बेदखली वारंट भी जारी किया । पुलिस बल की मांग भी की तय तारीख को कब्जा स्थल पर पुलिस बल पहुंच भी गई किंतु तहसीलदार नहीं आए बाद में वादी भूषण प्रसाद मधुकर ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर बिलासपुर, कमिश्नर बिलासपुर को कि किंतु प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही न होता देख उन्होंने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका भी लगाई इसी बीच कलेक्टर बिलासपुर, कमिश्नर बिलासपुर ने मस्तूरी एस डी एम को उचित कार्यवाही के निर्देश भी दिए किंतु इसी बीच फिर से लॉकडाउन लग गया। अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिर से कार्यवाही चालू हुई किंतु इस बार तहसीलदार मस्तूरी मनोज खाण्डे ने इस बार जो नोटिस जारी किए उसमें वादी भूषण प्रसाद मधुकर को सूचना ही नहीं दी गई कब्जा 13 अवैध कब्जा धारियों को नोटिस देकर कब्जा छोड़ने का आदेश दिया गया । समय सीमा पर कब्जा न सौपने की स्थिति में प्रशासन द्वारा कब्जा स्वयं प्राप्त कर लिया जाएगा कहा गया। आज जब प्रशासन की कार्यवाही चल रही थी और उपस्थित तहसीलदार से उनका वक्तव्य चाहा गया तो उन्होंने स्वयं को अधिकृत न होना बताकर कुछ भी कहने से मना कर दिया। प्रशासन की पूरी कार्यवाही से ऐसा लगता है कि पहले तो तहसीलदार ने कब्जा धारियों को इस बात का भरपूर मौका दिया कि वह किसी ना किसी न्यायालय से स्थगन ले आए किंतु जब ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ तो उन्होंने वाद संपत्ति को शासन के पक्ष में सील किया साथ ही वाद स्थल पर बनाया गया पंचनामा में जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं वह कब्जा धारी नहीं है। पंचनामा में यह लिखा है की कब्जा स्थल से सामान हटाया जा चुका है जबकि यह आंशिक सत्य हैं दुकानों के भीतर सामान रखा हुआ है ऐसे में किसी भी तरह की कोई घटना दुर्घटना की जवाबदारी कौन ले सकता है....?
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